Discovering India - Exploring Dharamshala
These are just internal thoughts, they have nothing to do with any person. I am not responsible if you get hurt by reading these thoughts.
These are just internal thoughts, they have nothing to do with any person. I am not responsible if you get hurt by reading these thoughts.
I used my mobile phone for a long time before going to sleep at night and after that I used my mobile phone even after waking up in the morning. For many days I stay with my friends till late at night and eat with them, apart from that I do not meet them, maybe I think that I meet them only during dinner, is this a sign? Yes, it is a sign, they are called dinner friends. Now all my friends do not meet without any reason, unless they have some work or I have some work. Earlier I used to get into arguments with people without any reason but now I have put a little rein on myself. This rein has made me a horse. Maybe a horse is right, some people want to be a lion and some people maybe an elephant, some people want to be a chair and some people want to be a yogi.
After thinking about my body all night, sometimes after making this photo and sometimes after making another photo and then thinking what is all this that is happening around me, some will say it is a full moon night that's why this is happening. After doing all this, I feel that I am writing my own life and I give myself a path and then I walk on that path. Perhaps this is life right now in this world, first write a book as one of my friends has done, first he writes a book and then self-publishes it on Amazon so that the whole world understands his path and gives him some solace and money. Both are fun because my friend is short in height and he has read somewhere in a biology book that short statured boys do not function well in evolution and women ignore them, and they have to suffer the consequences of that, but this friend is amazing, he compensates for it with his brain, his brain is a bit sharp and intelligent, if it were not there, no one would wander near this soul.
Look what kind of brain I have, I thought I would write about myself but wrote about someone else, I thought about myself but wrote about someone else.
The clouds above my head have come tearing the mountains apart, it seems I should not come out because these clouds will swallow me and take me inside them. The hills have now disappeared and my heart is beating fast. If anyone can stop these fast flying clouds, it is only the wind. Wind can change everything. When the wind is strong it forms storm and hurricane. It can destroy everything. Three eagles are circling below these clouds. Maybe they have found something. Once an eagle had fallen in the courtyard of my house. One of its wings was cut off. I had left it at the bird clinic. Maybe these are the same eagles. They have come here searching for me. The clouds are scattered like the brush strokes of an artist. But in their fun, no one tells them to take this form or that design.
Look inside yourself to see which clouds are going where, and which are mountains and which are eagles.
यह सिर्फ़ एक अंदरूनी विचार हैं इनका किसी भी व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं हैं। इन विचारों को पढ़ कर आपको कोई हानि पहुँची या पहुँचती हैं इसका में ज़िम्मेदार नहीं हूँ।
रात को सोते वक्त मैंने काफ़ी देर तक मोबाइल फ़ोन उसे किया और उसके बाद सुबह उठ कर भी मोबाइल फ़ोन का उपयोग किया , काफ़ी दिनों से में रात में अपने दोस्तों के साथ देर रात तक रुकता हूँ और उनके साथ खाना खाता हूँ उसके अलावा में उन से नहीं मिलता, शायद सोचता हूँ की उनके साथ सिर्फ़ खाना खाने ही समय मिलना होता है, यह कोई संकेत हैं? हाँ संकेत तो हैं, इनको खाना खाने वाले दोस्त कहते हैं । अभी मेरे सारे दोस्त किसी बेवजह नहीं मिलते हैं अभी जब तक उन्हें कोई काम या मुझे काम होता हैं। में पहले तो लोगो से बेवजह ही सर मारता था लेकिन थोड़ा अभी मैंने अपने ऊपर लगाम लगी दी हैं। इस लगाम ने मुझे एक घोड़ा बना दिया हैं । शायद घोड़ा ही सही हैं कुछ लोग शेर बनना चाहते हैं और कुछ लोग शायद हाथी कुछ लोग कुर्सी तो कुछ लोग योगी।
रात भर अपने शरीर से विचार बीमार्श करने के बाद , थोड़ा कभी यह फोटो बनाने के बाद तो कभी दूसरा फोटो बनाने के बाद और फिर सोचने के बाद क्या है यह सब मेरे आस पास जोह हो रहा हैं कुछ कहेंगे कि पूर्णिमा की रात हैं इसलिए ऐसा हो रहा हैं। इतना सब करने के बाद मुझे लगता हैं कि में अपनी ज़िंदगी ख़ुद ही लिख रहा हूँ एक रास्ता देता हूँ उस रास्ते पर में फिर चलता हूँ । शायद यही ज़िंदगी हैं अभी इस दुनिया में, पहले एक किताब लिखो जैस की एक मेरे मित्र ने किया हैं पहले लिखता हैं फिर उसे आमेजन पर सेल्फ पब्लिश भी करता हैं ताकि उसका रास्ता सारी दुनिया समझे और उससे थोड़ी सांत्वना और पैसे दे। दोनों में ही मज़ा क्योंकि मेरे दोस्त की क़द काठी छोटी हैं और उसने कही पढ़ा है किसी बायोलॉजी की किताब में जिस में लिखा हैं कि छोटी क़द काठी के लड़के एवोल्यूशन में ठीक काम नहीं करते हैं और उनको औरते दर किनार कर देती हैं उसका खामियाजा इनको भुगतना पड़ रहा हैं लेकिन यह दोस्त भी कमाल हैं इसकी भरपाई अपने दिमाग़ से पूरी करता हैं उसका दिमाग़ थोड़ा शार्प और तेज हैं अगर वह नहीं होता तो कोई भी नहीं भटकता इस आत्मा के पास।
देखो कैसा मेरा दिमाग़ हैं सोचा अपने बारे में लिखूँगा लेकिन लिखा किसी और के बारे में, सोचा अपने बारे में करा किसी और के बारे में।
मेरे सर के ऊपर बादल पहाड़ो को चीरते फाड़ते हुए निकल कर आ चुके ऐसा लगता हैं मुझे निकाल ना चाहिए क्योंकि यह बदल मुझे निगलते हुए अपने अन्दर समा लेंगे। पहाड़ी अब ग़ायब हो गई हैं और मेरी धड़कने तेज इन तेज उड़ते बदलो को कोई रोक सकता है तो वह हैं सिर्फ़ हवा, हवा सब बदल सकती, हवा जब तेज होती हैं तो बनती हैं आँधी और तूफ़ान यह सब कुछ तहस नहस कर सकती हैं।इन बादलों के नीचे के तीन चील चक्कर लगा रही हैं शायद कुछ मिला हैं इनको। एक बार एक चील मेरे घर के आँगन में गिरी थी, उस चील का एक पंख काट गया था में उसे चिड़्यों के क्लिनिक छोड़कर आया था शायद यह बही चील हैं मुझे ढूँढते हुए यह तक आ गई हैं। बादल किसी आर्टिस्ट के ब्रश स्ट्रोक की तरह हैं बिखरे हुए लेकिन अपनी मस्ती में कोई इन्हें नहीं बोलता की यह फॉर्म ले लो या वह डिज़ाइन ले लो।
अपने अंदर झाँखे की कौन से बदल कहाँ जा रहे हैं , और कौन पहाड़ हैं और कौन चील।